उत्तराखण्ड – बाँदा समाचार https://bandasamachar.com Wed, 23 Apr 2025 11:33:05 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 कॉर्बेट नेशनल पार्क में चांदनी सफारी इको टूरिज्म जोन बनाने पर सुनवाई, राज्य सरकार से पूछे सवाल https://bandasamachar.com/2025/04/23/%e0%a4%95%e0%a5%89%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%ac%e0%a5%87%e0%a4%9f-%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%b6%e0%a4%a8%e0%a4%b2-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%95-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%9a/ https://bandasamachar.com/2025/04/23/%e0%a4%95%e0%a5%89%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%ac%e0%a5%87%e0%a4%9f-%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%b6%e0%a4%a8%e0%a4%b2-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%95-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%9a/#respond Wed, 23 Apr 2025 11:33:05 +0000 https://bandasamachar.com/?p=7632 नैनीताल: कॉर्बेट नेशनल पार्क के बैल पड़ाव रेंज में चांदनी सफारी इको टूरिज्म जोन बनाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि संबंधित विभागों से अनुमति ली है या नहीं? कोर्ट को बताएं. कोर्ट ने मौखिक तौर पर कहा है कि तब तक इस प्रकरण में अग्रिम निर्णय न लें.

वन विभाग ने दी ये दलील: आज सुनवाई के दौरान वन विभाग की तरफ से कहा गया कि ये अभी बनाया नहीं गया है, प्रस्तावित है. इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति नहीं ली गई है. राज्य सरकार अपने स्तर से इसे बना रही है, जो कि पूरी तरह से नियमों के विरुद्ध है.

दरअसल, नैनीताल के गेबुआ, क्यारी और गजपुर छोई के निवासी मुकेश बिष्ट, देवेंद्र सिंह फर्त्याल, नवीन उपाध्याय ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि तराई पश्चिमी वन प्रभाग की ओर से बैल पड़ाव रेंज के 35 किलोमीटर एरिया को इको टूरिज्म के रूप में बढ़ावा देने के लिए विकसित किया गया है.

कॉर्बेट नेशनल पार्क में पहले से ही खुले हैं 15 टूरिज्म जोन: अब वन प्रभाग इस क्षेत्र में चांदनी सफारी ईको टूरिज्म के नाम से नया जोन खोल रही है. जबकि, कॉर्बेट नेशनल पार्क में पहले से ही 15 ईको टूरिज्म जोन खुले हुए हैं. याचिका में विभाग पर आरोप लगाए गए हैं कि सफारी जोन खोलने से पहले क्षेत्र के ग्रामीणों से सलाह मशविरा नहीं किया गया.

जो कि भारत सरकार की गाइडलाइन और वन अधिनियम 1980 का उल्लंघन है. गाइडलाइन में कहा गया कि सफारी जोन खोलने से पहले क्षेत्र के ग्रामीणों से सलाह मशविरा किया जाना आवश्यक है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. ऐसे में जोन खोलने को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है.

ग्रामीणों का कहना है कि मानवों का जंगल में आवागमन यानी दखलअंदाजी से वहां के जानवर प्रभावित होंगे. जिससे मानव वन्यजीव संघर्ष बढ़ेगा और पर्यावरण को भी क्षति होगी. जंगल से जानवर आबादी क्षेत्रों की ओर रुख करेंगे. इसलिए इस पर रोक लगाई जाए.

सरकार कह रही ये बात: वहीं, सरकार की तरफ से कहा गया कि जोन को इसलिए खोला जा रहा कि इस क्षेत्र का विकास होगा. ग्रामीणों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, इसलिए इसका विरोध ग्रामीणों को नहीं करना चाहिए.

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कैलाश मानसरोवर यात्रा: आध्यात्म, धर्म और विज्ञान का अनोखा संगम, जानें क्यों खास है शिव का निवास स्थान https://bandasamachar.com/2025/04/23/%e0%a4%95%e0%a5%88%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%b6-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%b5%e0%a4%b0-%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%86%e0%a4%a7/ https://bandasamachar.com/2025/04/23/%e0%a4%95%e0%a5%88%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%b6-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%b5%e0%a4%b0-%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%86%e0%a4%a7/#respond Wed, 23 Apr 2025 11:31:04 +0000 https://bandasamachar.com/?p=7629 देहरादून: करीब पांच साल बाद कैलाश मानसरोवर की यात्रा इस साल 30 जून से शुरू होने जा रही है. इस बार कुल 250 भक्तों को ही यात्रा पर जाने की अनुमति मिली है. केंद्र सरकार के साथ-साथ उत्तराखंड सरकार भी कैलाश मानसरोवर की यात्रा की तैयारियों में जुटी हुई है. भोलेनाथ के भक्त उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में लिपुलेख पास से होते हुए ही कैलाश मानसरोवर जाते हैं. कैलाश मानसरोवर न सिर्फ सनातनियों, बल्कि अन्य धर्मों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है. आज उसी के बारे में आपको विस्तार से जानकारी देते हैं.

उत्तराखंड में कैलाश मानसरोवर यात्रा की जिम्मेदारी KMNV यानी कुमाऊं मंडल विकास निगम को सौंपी गई है. साल 1981 से KMNV ही कैलाश मानसरोवर यात्रा का संचालन कर रहा है. कैलाश मानसरोवर की यात्रा दिल्ली से शुरू होती है, फिर पिथौरागढ़ जिले के लिपुलेख पास मार्ग से होते हुए पूरी होती है. इस बार यात्रा के लिए कुल 250 यात्री होंगे जो 50-50 यात्रियों के पांच दल बनाये गये हैं.

कैलाश मानसरोवर यात्रा की धार्मिक मान्यता: कैलाश मानसरोवर को भगवान शिव का घर कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ही भगवान शिव माता पार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं. भगवान शिव का निवास माने जाने के कारण हिंदू धर्म में इसका खास महत्व है. साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा को मोक्ष और आध्यात्मिक मुक्ति का प्रतीक भी माना जाता है. इसके साथ ही कैलाश पर्वत को ब्रह्मांड का केंद्र भी कहा जाता है.

पुराणों में भी कैलाश मानसरोवर का जिक्र: मत्स्य पुराण, स्कंद पुराण और शिव पुराण में कैलाश खंड नाम से एक-एक अलग अध्याय मौजूद हैं, जिनमें कैलाश पर्वत की महिमा का बखान किया गया है. मान्यता है कि कैलाश पर्वत से ऊपर स्वर्ग लोक और नीचे मृत्यु लोक है. यानी कैलाश पर्वत के ऊपर स्वर्ग का द्वार है.

सप्त ऋषि की गुफाएं: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए इतिहासकार प्रो एमएस गुसाईं ने बताया कि कैलाश पर्वत पर सप्त ऋषि की गुफाएं हैं. इन सप्त ऋषियों में भारद्वाज, भृगु, गौतम, अत्रि, कश्यप, विश्वामित्र और वशिष्ठ शामिल हैं. सनातन धर्म के चार वेदों में ऋग्वेद को विश्व की प्राचीनतम पुस्तक माना जाता है, जिसमें कुल 10 मंडल हैं और दूसरे से 8वें मंडल के रचयिता भी यही सप्त ऋषि थे. ऐसे में कैलाश मानसरोवर की ऐतिहासिकता उत्तर वैदिक काल तक जाती है. उत्तर वैदिक काल 1000 से 600 ई० पूर्व के मध्य तक माना जाता है.

जानिए क्यों कहा जाता है मन सरोवर:

कैलाश मानसरोवर को मन सरोवर भी कहा जाता है. मान्यता के अनुसार कैलाश मानसरोवर को ब्रह्म के मन से निर्मित माना जाता है. कैलाश मानसरोवर यात्रा का महत्व सिर्फ सनातन संस्कृत में नहीं है, बल्कि बौद्ध और जैन धर्म में भी कैलाश मानसरोवर को काफी पवित्र स्थान और मोक्ष प्राप्ति का स्थान माना जाता है.
– प्रो एमएस गुसाईं, इतिहासकार –

बौद्ध धर्म के लिए पूजनीय स्थल: बौद्ध धर्म के लोगों के लिए ‘डेमचोक’ पूजनीय स्थल है. कहा जाता है कि गौतम बुद्ध ने कैलाश मानसरोवर में तपस्या की थी और बुद्ध की माता ने यहां की यात्रा की थी. ऐसे में इस स्थान की प्रमाणिकता बौद्ध स्रोतों के अनुसार 600 ई० पूर्व तक जाती है. इसी तरह बौद्ध संप्रदाय के लोग भी इसे अपना पवित्र स्थल मानते हैं.

जैन धर्म के संतों का भी पवित्र स्थल: इस स्थान को जैन धर्म के लोग उनके पहले तीर्थंकर ऋषभदेव का निर्वाण स्थल मानते हैं. वहीं सनातन धर्म में इस बात की मान्यता है कि द्वापर युग में महाभारत होने के बाद पांडवों ने स्वर्गारोहण यात्रा शुरू की थी. आखिर में धर्मराज युधिष्ठिर कैलाश पर्वत से स्वर्ग की सीढ़ी चढ़े थे.

साल 1981 से तत्कालीन राज्य सरकार और भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से कैलाश मानसरोवर यात्रा को संचालित किया जा रहा है. पौराणिक और ऐतिहासिक दृष्टि से देखें तो पौराणिक यात्रा सनातन धर्म एक अभिन्न अंग रहा है.
– प्रो एमएस गुसाईं, इतिहासकार –

ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा 1981 से शुरू हुई है, बल्कि यह यात्रा वैदिक काल से ही संचालित हो रही है. कैलाश की 52 किमी लंबी परिक्रमा करने में लगभग दो से तीन दिन का समय लग जाता है. करीब 320 वर्ग मीटर में फैली कैलाश मानसरोवर झील को मन सरोवर यानी ब्रह्मा के मन से निर्मित माना जाता है. यही वजह है कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं में उत्साह रहता है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा लोगों की भावनाओं से जुड़ी हुई यात्रा है. 30 जून 2025 से कैलाश मानसरोवर की यात्रा शुरू हो जाएगी, जिसका संचालन कुमाऊं मंडल विकास निगम करेगा.

कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान ही भक्तों को ओम पर्वत और नाभीढांग के भी दर्शन होंगे. इन दोनों की काफी मान्यता है. मुख्य रूप से कैलाश पर्वत एशिया के क्लाइमेट को कंट्रोल करता है, जिसे मेरुदंड माना गया है. शास्त्रों में भी इसे नाभि यानी सेंटर प्वाइंट माना गया है. इसके साथ ही इस क्षेत्र में मैग्नेटिक फोर्सेज भी काफी अधिक हैं, जो प्रभावित करते हैं. कैलाश मानसरोवर अपने आप में एक पिरामिड की तरह बना हुआ है, जो कॉस्मिक किरणों को कंसंट्रेट करता है.

– सतपाल महाराज, धर्मस्व मंत्री, उत्तराखंड सरकार –

कैलाश मानसरोवर के वैज्ञानिक पहलू: कैलाश मानसरोवर संबंधित वैज्ञानिक पहलुओं की बात करें तो, कैलाश मानसरोवर में असीमित चुंबकीय क्षेत्र का प्रवाह है, जहां पर सामान्य आदमी का रह पाना संभव नहीं है. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस क्षेत्र में अलौकिक शक्तियां हैं. साथ ही वहां पर ओम की ध्वनि भी निकलती है जो लोगों को स्पष्ट रूप से सुनाई देती है. यही नहीं, वैज्ञानिक इस बात को मानते हैं कि कैलाश पर्वत ब्रह्मांड का केंद्र है, इसके एक तरफ उत्तरी ध्रुव और दूसरी ओर दक्षिणी ध्रुव स्थित है.

वैज्ञानिकों के अनुसार करीब 10 करोड़ साल पहले भूगर्भीय गतिविधियों के चलते कैलाश मानसरोवर पर्वत का निर्माण हुआ था. इसके साथ ही इस क्षेत्र में आज भी हिम मानव और कस्तूरी मृग मौजूद होने का दावा किया जाता है.

अब 22 दिनों में पूरी होगी यात्रा: कैलाश मानसरोवर की यात्रा पहले 28 दिन में संपन्न होती थी, लेकिन अब ये यात्रा 22 दिनों में पूरी हो जाती है. 30 जून 2025 को दिल्ली से 50 लोगों का पहला दल कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए रवाना होगा. ऐसे में 10 जुलाई को पिथौरागढ़ से दल लिपुलेख पास होते हुए चीन के कब्जे वाले तिब्बत में दाखिल होगा और 22 अगस्त को ये दल वहां से भारत के लिए वापस लौटेगा. यानी सिर्फ 22 दिनों में दल कैलाश मानसरोवर यात्रा को पूरा करेगा.

ये दल दिल्ली से रवाना होकर कर टनकपुर में रात्रि विश्राम करेगा. इसके साथ ही धारचूला में एक, गुंजी में दो रात्रि और नाभिढांग में दो रात रुकने के बाद चीन के कब्जे वाले तिब्बत में प्रवेश करेगा. चीन से वापसी में ये दल एक रात बूंदी, एक रात चौकोड़ी और एक रात अल्मोड़ा में रुकने के बाद दिल्ली पहुंचेगा.

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योग केंद्र खोलने के लिए पैसे देगी धामी सरकार https://bandasamachar.com/2024/11/05/dhami-government-will-give-money-to-open-yoga-center/ https://bandasamachar.com/2024/11/05/dhami-government-will-give-money-to-open-yoga-center/#respond Tue, 05 Nov 2024 00:43:02 +0000 https://baljinews.com/?p=4084 देहरादून , 5 नवंबर , उत्तराखंड में पहली बार योग नीति बन रही है. जिससे योग को बढ़ावा मिलेगा. प्रशिक्षण केंद्र खोलने के लिए सरकार प्रोत्साहन राशि देगी. योग नीति में 20 लाख रुपये तक प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया जा रहा है.इसके अलावा केंद्र सरकार के योग सर्टिफिकेशन बोर्ड से विभिन्न योग कोर्स करने पर फीस की प्रतिपूर्ति की जाएगी.सरकार ने आयुष क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए पिछले साल आयुष नीति को मंजूरी दी थी. अब योग नीति को धरातल पर उतारने के लिए शासन स्तर पर गहन मंथन चल रहा है.

12 से 15 दिसंबर को उत्तराखंड में अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन का आयोजन किया जाना है. आयुर्वेद विभाग की ओर से भेजे गए योग नीति का शासन स्तर पर प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है. वित्त विभाग की अनुमति के बाद नीति को कैबिनेट में रखा जाएगा.

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तुंगनाथ के कपाट शुभ मुहूर्त पर विधि-विधान से बंद हुए https://bandasamachar.com/2024/11/05/the-doors-of-tungnath-were-closed-as-per-rituals-at-the-auspicious-time/ https://bandasamachar.com/2024/11/05/the-doors-of-tungnath-were-closed-as-per-rituals-at-the-auspicious-time/#respond Tue, 05 Nov 2024 00:42:09 +0000 https://baljinews.com/?p=4081 अनीता तिवारी , बालजी दैनिक

देहरादून , 5 नवंबर , पंचकेदारों में प्रतिष्ठित तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट शुभ मुहूर्त पर विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद हो गए। कपाट बंद होने से पहले मंदिर को सजाया गया था। कपाट बंद होने के बाद भगवान श्री तुंगनाथ की उत्सव डोली ने स्थानीय वाद्य यंत्रों ढोल-दमाऊं सहित बाबा तुंगनाथ के जय उद्घोष के साथ प्रथम पड़ाव चोपता को प्रस्थान किया। इस मौके पर पांच सौ से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे।

श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के अवसर पर अपने संदेश में श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बताया कि इस यात्रा वर्ष एक लाख 70 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने भगवान तुंगनाथ के दर्शन किए। बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने भी कपाट बंद होने के अवसर पर श्रद्धालुओं को अपनी शुभकामनाएं दीं।

कपाट बंद होने के एक दिन पहले रविवार को श्री तुंगनाथ मंदिर में यज्ञ-हवन किया गया था। आज प्रातः साढ़े चार बजे मंदिर खुल गया था। प्रातः कालीन पूजा के पश्चात श्रद्धालुओं ने भगवान तुंगनाथ के दर्शन किए। ठीक दस बजे से मंदिर गर्भगृह में कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू हुई।

भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को श्रृंगार रूप से समाधि स्वरूप में ले जाया गया। शिवलिंग को स्थानीय पुष्पों, फल और अक्षत से ढक दिया गया। इसके बाद मठापति रामप्रसाद मैठाणी, प्रबंधक बलबीर नेगी डोली प्रभारी प्रकाश पुरोहित की उपस्थिति में पुजारी अतुल मैठाणी और अजय मैठाणी ने तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद किए। कपाट बंद होने के बाद मंदिर समिति कर्मचारियों और श्रद्धालुओं के साथ मंदिर की परिक्रमा पश्चात अखोड़ी और हुडु गांव के हक-हकूकधारी भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह डोली के साथ चोपता को प्रस्थान हुए।

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एसडीएम पहुंचे ऑफिस, पूरा ऑफिस मिला खाली https://bandasamachar.com/2024/11/05/sdm-reached-the-office-and-found-the-entire-office-empty/ https://bandasamachar.com/2024/11/05/sdm-reached-the-office-and-found-the-entire-office-empty/#respond Tue, 05 Nov 2024 00:41:11 +0000 https://baljinews.com/?p=4078

जिलाधिकारी सविन बंसल के दिशा निर्देशन पर उपजिलाधिकारी सदर ने कृषि उत्पादन मंडी परिषद कार्यालय का किया औचक निरीक्षण
विगत दिनों से जिलाधिकारी को प्राप्त हो रही थी, मण्डी परिषद कार्यालय की शिकायत
औचक निरीक्षण के दौरान उपजिलाधिकारी को मिले 19 कार्मिक अनुपस्थित
10:15 बजे तक एक ही कर्मचारी कार्यालय में थे उपस्थित
अनुपस्थित कार्मिकों की वेतन रोकने हेतु डीएम को पत्रावली अग्रसारित
डीएम का कड़ी निर्देश लापरवाह कार्मिकों के विरुद्ध निरंतर होगी कार्रवाई
जनमानस को तत्परता से सेवा न देने वाले कार्मिकों पर रहेगी कड़ी निगरानी : डीएम

आशीष तिवारी , बालजी दैनिक

देहरादून , 5 नवंबर , जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल के दिशा निर्देशन के बाद उपजिलाधिकारी सदर ने शहर के कृषि उत्पादन मण्डी परिषद कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। सुबह 10:15 बजे तक कार्यालय में मात्र एक ही कर्मचारी प्रदीप कुमार पर्यवेक्षक उपस्थित पाए गए, जबकि अधिकारी सहित 19 कर्मचारी अनुपस्थित मिले। अनुपस्थित कार्मिकों की वेतन रोकने हेतु उपजिलाधिकारी हर गिरी ने पत्रावली बनाकर, जिलाधिकारी को प्रेषित किया।

जिलाधिकारी को आये दिन कृषि उत्पादन मण्डी परिषद कार्यालय की शिकायतें प्राप्त हो रही थी। अधिकारी कर्मचारियों के मनमानी के चलते कार्यालय में हो रहे थे,जनमानस परेशान। जिलाधिकारी के जनपद में अवस्थित कार्यालय में तैनातअधिकारी/कर्मचारियों को कड़ी दो टूक कार्यालयों में जनमानस नहीं होनी चाहिए परेशान, शिकायत मिलने पर खामियाजा भुगतना पड़ेगा। लापरवाह कार्मिकों के विरुद्ध होगी कठोर कार्रवाई।

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कृषि यंत्रों उपकरणों पर कृषि मंत्री गणेश जोशी के सख्त निर्देश https://bandasamachar.com/2024/11/05/strict-instructions-from-agriculture-minister-ganesh-joshi-on-agricultural-machinery-and-equipment/ https://bandasamachar.com/2024/11/05/strict-instructions-from-agriculture-minister-ganesh-joshi-on-agricultural-machinery-and-equipment/#respond Tue, 05 Nov 2024 00:38:53 +0000 https://baljinews.com/?p=4075 देहरादून, 5 नवम्बर , प्रदेश की कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान विभागीय मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि किसान स्वतंत्र रूप कहीं से भी कृषि यंत्र खरीदने पर कृषि यंत्र की सब्सिडी राज्य सरकार मानक अनुसार डीबीटी के माध्यम से प्रदान करने के अधिकारियों को निर्देशित किया। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने बैठक के दौरान सचिव कृषि को निर्देश देते हुए मुख्य कृषि अधिकारी हरिद्वार और पिथौरागढ़ को किसानों को कृषि यंत्रों में हुई समस्या के सम्बन्ध में चेतावनी पत्र निर्गत करने के आदेश दिए।

गौरतलब है कि किसानों को दिए जाने वाले कृषि यंत्र पैनल संस्थान में बाजार से अधिक मूल्य पर किसान को दिए जाने के प्रकरण का तत्काल संज्ञान लेते हुए कृषि मंत्री गणेश जोशी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस अवसर पर सचिव एस.एन पांडे, अपर सचिव कृषि आनंद स्वरूप, निदेशक कृषि केसी पाठक, जैविक बोर्ड एमडी विनय कुमार सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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भव्य राज्योत्सव की तैयारियों के जुटे देहरादून डीएम सविन बंसल https://bandasamachar.com/2024/11/05/dehradun-dm-savin-bansal-busy-in-preparations-for-grand-rajyotsav/ https://bandasamachar.com/2024/11/05/dehradun-dm-savin-bansal-busy-in-preparations-for-grand-rajyotsav/#respond Tue, 05 Nov 2024 00:37:47 +0000 https://baljinews.com/?p=4072 आशीष तिवारी , बालजी दैनिक 
देहरादून 5 नवम्बर , जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में  राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले भव्य कार्यक्रम की तैयारियों एवं व्यवस्थाओं को लेकर बैठक हुई। जिलाधिकारी ने आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा को साझा करते हुए रेखीय विभागों के सम्बन्धित अधिकारियों को कार्यक्रम के सफल सम्पादन एवं सौंपे गए दायित्वों के निर्वहन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि  राज्य स्थापना दिवस को देवभूमि रजत उत्सव के रूप में राज्य स्थापना दिवस समारोह को 7 दिवसीय कार्यक्रम के रूप में धूमधाम एवं  हर्षोल्लास  के साथ मनाए जाने हेतु निर्णय लिया गया है।
जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि आपसी समन्वय से कार्य करें तथा जिन विभागों को जिम्मेदारी दी गई है वह समयबद्ध अपनी तैयारियां पूर्ण कर लें। साथ ही निर्देशित किया कि कार्यक्रम स्थल पर समुचित व्यवस्थाओं के साथ ही पेयजल, विद्युत, पार्किंग आदि व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने लोनिवि को कार्यक्रम स्थलों के आवागमन रूट पर सड़क, सुधारीकरण, नगर निगम को सफाई व्यवस्था, विद्युत विभाग को कार्यक्रम स्थलों पर निर्बाध विद्युत व्यवस्था के साथ ही पेयजल/जल संस्थान के अधिकारियों को पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करें के निर्देश दिए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि विभागीय कार्यों की उच्च स्तर पर मॉनिटिरिंग करें।
09 नवम्बर 2024 को राज्य की 25 वीं वर्षगाँठ को देवभूमि रजत उत्सव के रूप में भव्यता से राज्य स्थापना दिवस समारोह मनाया जा रहा है, जो कि 6 नवम्बर से 12 नवम्बर 2024 तक विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। 6 नवम्बर को नई दिल्ली में मुख्यमंत्री द्वारा निर्माणाधीन उत्तराखण्ड भवन का उद्घाटन, 07 नवम्बर को दून यूनिवर्सिटी देहरादून में प्रवासी उत्तराखण्ड सम्मेलन, 08 नवम्बर को हिमालय सांस्कृतिक केन्द्र गढी कैन्ट में सास्कृतिक कार्यक्रम, 09 नवम्बर को शहीद स्मारक कलेक्टेट परिसर श्रद्धाजंलि कार्यक्रम, पुलिस लाईन रेसकोर्स में रजत उत्सव एवं लोगो का अनावरण, पुलिस परेड एवं उत्तराखण्ड गौरव सम्मान वितरण समारोह का आयोजन, 10 नवम्बर को खेल प्रतियोगिता सम्पन्न कराए जाएंगे, 11 नवम्बर को कृषि एवं कृषक कल्याण महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास, शिक्षा विभाग, कौशल विकास विभाग द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जांएगें। 11 नवम्बर हो हर की पैड़ी हरिद्वार में आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम, 12 नवम्बर 2024 को ईगास कार्यक्रम का आयोजन मुख्यमंत्री आवास पर किया जाएगा।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, अपर  पुलिस अधीक्षक नगर प्रमोद कुमार, नगर मजिस्टेट प्रत्युष सिंह, उप जिलाधिकारी हरिगिरि, उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजय जैन, मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत सहित पेयजल, जल संस्थान, लोनिवि, विद्युत, आदि सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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मुख्य सचिव ने भू कानून पर सभी डीएम के संग किया मंथन https://bandasamachar.com/2024/11/05/chief-secretary-brainstormed-with-all-dms-on-land-law/ https://bandasamachar.com/2024/11/05/chief-secretary-brainstormed-with-all-dms-on-land-law/#respond Tue, 05 Nov 2024 00:36:28 +0000 https://baljinews.com/?p=4069

हरिद्वार तथा नैनीताल 24 घंटे के भीतर मंगलवार तक प्रस्तुत करेंगे रिपोर्ट
Z A L R Act के Sec 166/167 तहत मुकदमा दर्ज करने के कड़े निर्देश

अनीता तिवारी , बालजी दैनिक

देहरादून , 5 नवंबर , भू कानून के संबंध में जिलाधिकारियों के साथ सचिवालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भू कानून के प्रावधानों के विपरीत भूमि की खरीद फरोख्त अथवा भूमि खरीद सम्बंधित अनुमति के किसी भी प्रकार के उल्लंघन पर Z A L R Act के Sec 166/167 के तहत मुकदमा दर्ज करने के कड़े निर्देश दिए हैं | मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि विशेष प्रयोजन हेतु भू अनुमति प्राप्त होने पर भी उस भूमि का उस विशेष उद्देश्य के लिए उपयोग न करने पर अथवा किसी भी प्रकार से भू कानून के उल्लंघन की दशा में जिलाधिकारी द्वारा कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी |

राज्य के 11 जनपदों से भूमि कानून संबंधी रिपोर्ट प्राप्त होने पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने हरिद्वार तथा नैनीताल जनपद से भी मंगलवार तक रिपोर्ट तलब की है | जिलाधिकारी हरिद्वार तथा नैनीताल भी 24 घंटे के भीतर मंगलवार तक उक्त रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे |बैठक मे प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, चंद्रेश यादव सहित सभी जिलों के जिलाधिकारी विडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मौजूद रहे |

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अल्मोड़ा हादसे पर कांग्रेस ने डीएम पर लगाया आरोप, जांच की मांग https://bandasamachar.com/2024/11/05/congress-accuses-dm-of-almora-accident-demands-investigation/ https://bandasamachar.com/2024/11/05/congress-accuses-dm-of-almora-accident-demands-investigation/#respond Tue, 05 Nov 2024 00:35:18 +0000 https://baljinews.com/?p=4066 आशीष तिवारी , बालजी दैनिक

देहरादून , 5 नवंबर , उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने जनपद अल्मोड़ा के सल्ट तहसील में हुए हृदय विदारक सड़क हादसे में रेस्क्यू के मामले में स्थानीय प्रशासन एवं सरकार द्वारा बरती गई लापरवाही पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सुबह एक दुखद घटना इस प्रदेश में हुई है। अल्मोड़ा जिले के मरचुला के पास एक सड़क हादसे में 36 लोगों की जान चली गई । दुर्घटना के बाद सरकार की देरी से कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। 7 बजे हुई हादसे की घटना के बाद वहां के जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाने के लिए जिला अधिकारी अल्मोड़ा को फोन किया परंतु जिला अधिकारी ने डेढ़ घंटे तक किसी का फोन नहीं उठाया।

घटनास्थल पर जहां एंबुलेंस को 7ः30 बजे के आसपास पहुंच जाना चाहिए था वहीं सरकारी लापरवाही के चलते एम्बुलेंस 9ः00 बजे पहुंची इसके बाद घायलों को रामनगर पहुंचाया गया परंतु वहां पर भी वह व्यवस्था नहीं थी जो होनी चाहिए थी। करन माहरा ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि हमने एयरलिफ्ट करने के लिए चाँपर भेजें परंतु चाँपर रामनगर भेजे गए हैं। परन्तु यदि चौपर को घटना स्थल मरचुला भेजा जाता तो कई लोगों की जान बच सकती थी। उन्होंने कहा कि सुस्त प्रशासन और सुस्त सरकार क्या हालत इस प्रदेश के हैं वह देखने वाली बात है पहाड़ में सड़कों की स्थिति इतनी खराब है की इसी रोड में पिछले दो-तीन सालों में कई बड़े हादसे से हो गए हैं तब भी सरकार ध्यान नहीं दे रही है।

करन माहरा ने कहा कि सरकार से गुजारिश है कि मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए तथा घायलों को एवं 5 लाख की सहायता तुरंत उपलब्ध कराई जाए साथ ही एंबुलेंस के देर से पहुंचने का कारण और डीएम के फोन ना उठाने के प्रकरण की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम इस घटना में शोक व्यक्त कर रहे हैं मेरे घर में पत्रकार बंधुओ का रात्रि भोजन था जो कि हमने इस घटना के बाद स्थगित कर दिया है। ईश्वर घटना के पीडित परिवारों को इस दुख को सहने की ताकत दे।

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हरिद्वार के चण्डी घाट पर गंगा उत्सव की दिखी रौनक https://bandasamachar.com/2024/11/05/the-splendor-of-ganga-utsav-seen-at-chandi-ghat-of-haridwar/ https://bandasamachar.com/2024/11/05/the-splendor-of-ganga-utsav-seen-at-chandi-ghat-of-haridwar/#respond Tue, 05 Nov 2024 00:34:13 +0000 https://baljinews.com/?p=4063

गंगा करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र : सीआर पाटिल

अनीता तिवारी , बालजी दैनिक

हरिद्वार , 5 नवंबर , हरिद्वार में चंडी घाट पर स्थित नमामि गंगे घाट पर आठवां गंगा उत्सव मनाया गया, जिसमें केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड त्रिवेंद्र सिंह रावत तथा प्रदेश की कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य सहित तमाम नमामि गंगे से जुड़े अधिकारियों ने भाग लिया ।इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने बीएसएफ की महिलाओं द्वारा देवप्रयाग से गंगासागर तक निकले गंगा यात्रा अभियान को हरी झंडी दिखाकर रवाना किय। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गंगा को स्वच्छ व निर्मल रखने का अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गंगा केवल नदी नहीं है , बल्कि करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है और यह हमारी संस्कृति है, हमारी धरोहर है अतः इसका संरक्षण और संवर्धन करना हर नागरिक का कर्तव्य है ।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने गंगा में महाशीर मछलियों को भी प्रवाहित किया और कई लाख मत्स्य बीज भी गंगा में छोड़े गए ताकि गंगा में जलीय जीव का संतुलन बना रहे। इस अवसर पर घाट पर हाट के अंतर्गत कई गंगा तट के गांव की समितियों द्वारा स्टाल भी लगाए गए, जिसमें स्थानीय हर्बल उत्पादनों का प्रदर्शन किया गया और इसकी बिक्री की गई। इस अवसर पर कई सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। गंगा मंथन में सुबह के सत्र में जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों ने मंथन किया वहीं स्कूली बच्चों के लिए विशेष भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें बच्चों ने गंगा से संबंधित व्याख्यान एवं कविताएं पढ़ी। साथ ही बच्चों के लिए चित्रकला का भी आयोजन किया गया।

गंगा उत्सव के दौरान अपने सम्बोधन में रेखा आर्या, महिला एवं बाल विकास मंत्री, उत्तराखंड ने कहा कि हरिद्वार वो स्थान है जो उत्तराखंड का देव भूमि के रूप में परिचय करता है।आज ही का दिन वो ऐतिहासिक दिन है जब मां गंगा को राष्ट्रीय नदी के रूप में पहचाना गया। उत्सव को उत्साह में बदलने के लिए हम सभी प्रयासरत है। आर्य ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से मां गंगा की स्वछता को बनाए रखने में सदेव सहयोग मिलता है।
उन्होंने कहा की गंगा देश का आधार है

गौरतलब है कि गंगा किनारे पहली बार गंगा महोत्सव का आयोजन किया गया, है। इससे पहले यह आयोजन दिल्ली में आयोजित किया जाता था। इसका मकसद गंगा का संरक्षण, संवर्धन करना तथा लोगों में जन जागरूकता पैदा करना है , ताकि लोग गंगा में गंदगी ना फैलाएं । सरकार भी गंगा को स्वच्छ रखने के लिए जहां लगभग 30000 करोड़ से अधिक का बजट खर्च कर रही है। इसके अंतर्गत गंगा तटीय नगरों में एसटीपी प्लांट लगाए गए हैं, जगह-जगह शवदाह ग्रह भी बनाए गए हैं ताकि लोग गंगा में शवों को ना जलाएं । साथ ही कई हजार किलोमीटर की सीवर लाइन भी बिछाई गई है। ताकि घरों का गंदा जलमल सीधा गंगा में ना गिरे जो पाइप लाइनों के माध्यम से एसटीपी प्लांट तक पहुंचाया जा रहा है और वहां प्रदूषित जल का शोध करके गंगा में छोड़ा जा रहा है ।

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